सुनसान हैं फ़जा़एं कोई रहगुज़र नहीं,तन्हाई डस रही है कोई हम सफ़र नहीं

Belal Jani
By -


उसी को छोड़ दिया खानदान वालों ने,जिसे बहोत गुरूरअपने खानदान पे था

मोहल्ला खानजादा में इबरत मछली शहरी के आवास पर हुई कवि गोष्ठी 

जौनपुर।मछलीशहर नगर के मोहल्ला खानजादा में इबरत मछली शहरी के आवास पर कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में मछलीशहर के जाने-माने शायर इबरत मछलीशहरी ने कहा कि उसी को छोड़ दिया खानदान वालों ने,जिसे बहोत गुरूर था अपने खानदान पे ।कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए आज़म मछली शहरी ने अपने पंक्तियों में जीवन को इस तरह व्यक्त किया,जीवन पर जब नफरत का अधिकार सफल हो जाएगा। दम उल्फत का भरने वालो का घर मक़तल हो जाएगा। गोष्ठी में साबिर मछलीशहरी ने अपनी भावना को कुछ इस तरह व्यक्त किया,किसी से आह वो गिरिया क्यूं करें हम।सरे महफ़िल तमाशा क्यूं करें हम।
रानू माली मछलीशहरी ने कहा कि 
सुनसान हैं फ़ज़ाएं कोई रहगुज़र नहीं।
तन्हाई डस रही है कोई हम सफर नहीं।।
हनीफ मछलीशहरी ने इंसान की मोहब्बत की भावना कुछ इस तरह से व्यक्त किया एक बार चढ़ा है तो चढ़ कर कहां उतरा है।ये रंगे मोहब्बत तो हर रंग से पक्का है।कवि गोष्ठी की शुरुआत  शम्स जौनपुरी ने  मोहम्मद साहब की शान में नात पेश करके की। इसके बाद ग़ज़ल का दौर शुरू हुआ। श्रोताओं ने शायरों पर प्रशंसा के फूल बरसाए। अध्यक्षता दुर्गा प्रसाद ने तथा संचालन इम्तियाज़ खान ने किया। अकबर अली उर्फ़ मुन्ना, युनुस मछली शहरी, सैफ़ अली, सलाम, शमीम,आदि भी गोष्ठी में शामिल हुए।