जौनपुर।मछलीशहर के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कुमार सौरभ ने पिता द्वारा पुत्र के पक्ष में लिखे गए दान पत्र को खारिज कर दिया है। न्याय की दिशा में एक बेहतरीन और ऐतिहासिक निर्णय तहसील में चर्चा का विषय बना हुआ है।
बताया जाता है कि ग्राम कटाहित खास गांव निवासी रामधनी बिन्द पुत्र स्वर्गीय बुधिराम को दोनों आंखों से बिल्कुल दिखाई नहीं देता है। उनके दो लड़के रमाकांत और शशिकांत हैं और एक अविवाहित पुत्री माधुरी है। नेत्रहीन रामधनी के पास कुल 16 बिस्वा जमीन थी। जिसमें से 13 बिस्सा का दान पत्र उनके लड़के रमाकांत ने बीते 9 नवंबर 2023 को अपने हक में अपने पिता से लिखवा लिया।
दान पत्र अपने हक में होते ही कलयुगी पुत्र ने पिता को न सिर्फ भरण-पोषण देना बंद कर दिया बल्कि घर से भी निकाल बाहर कर किया। वादे के अनुरूप अपनी छोटी बहन की शादी करने से भी इंकार कर दिया। जिसके बाद व्यथित होकर रामधनी ने अपने पुत्र के खिलाफ अपने अधिवक्ता अंबिका प्रसाद बिंद के माध्यम से ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के न्यायालय में दान पत्र को खारिज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने सुलह समझौता अधिकारी ललित मोहन तिवारी को मौके पर जांच के लिए भेजा मौके पर उपस्थित सैकड़ो ग्राम वासियों ने कलयुगी पुत्र की घोर आलोचना करते हुए रामधनी के लगाए गए आरोप को सही बताया और बयान भी दिया।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने बताया कि उन्होंने उपरोक्त अधिनियम के तहत कार्यवाही करते हुए न सिर्फ दान पत्र को निरस्त किया है। बल्कि दान पत्र के आधार पर कब्जा की गई जमीन को पिता को वापस किए जाने का भी आदेश दिया है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने बताया कि यदि वरिष्ठ नागरिकों को भरण पोषण करने तथा मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने की शर्त के साथ कोई अंतरण किया गया है तथा अंतरिती इसे पूर्ण करने में असफल रहता है तो अधिनियम की धारा 23 के तहत अन्तरिती को बेदखल करने और उक्त संपत्ति पर वरिष्ठ नागरिक को कब्जा देने का आदेश देने की शक्ति निहित है।