हत्या कर जमीन में दबाई गई अज्ञात लाश की पहचान‌ हुई, बहन द्वारा दी गई टी शर्ट से

Belal Jani
By -

सोमवार को घर से लापता हुए किशोर का शव गांव के पास ही कातिल द्वारा मिट्टी में दबाया गया था,चरवाहे ने जमीन से निकले हांथ को देखकर जब शोर मचाया तो ग्रामीणों में हड़कंप मच गया

जौनपुर।सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के लपरी गांव में बुधवार की शाम चरवाहे द्वारा मिट्टी में दबाई गई किशोर की लाश के एक हांथ को जमीन से बाहर निकला देखकर जब  शोर मचाया गया तो ग्रामीणों में हड़कंप मच गया।सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को जमीन से निकलवा कर कब्जे में लेकर नियमानुसार मोर्चरी घर में रखवा कर लाश की पहचान करवाने हेतु प्रयास किया गया। जिसके नतीजे में और कड़ी मेहनत के फलस्वरुप पुलिस अज्ञात शव की पहचान का खुलासा मात्र तीन दिन में ही करने में कामयाब रही।
पुलिस के खुलासे के बाद ग्रामीणो को जब यह जानकारी हुई की किशोर इसी गांव का है तो जैसे सभी के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई हो।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लपरी गांव के ही निवासी राजेंद्र बिंद का 16 वर्षीय पुत्र सत्यम बिंद 10 वर्ष पहले माता-पिता के गुजर जाने के बाद से घर में अपनी दादी के साथ रहता था। सत्यम की दो बड़ी बहनें हैं जिनकी कुछ वर्ष पहले ही शादी हो गई और वह अपने ससुराल में रहती हैं घर पर सत्यम और उसकी दादी के अलावा कोई नहीं रहता, सत्यम की दादी प्रभु देई ने बताया कि सत्यम बीते सोमवार तक घर पर था। सोमवार के बाद से ही सत्यम घर नहीं लौटा परिजनों ने काफी खोजबीन की लेकिन सत्यम का कुछ पता नहीं चल सका। बुधवार को गांव के पास ही मैदान में  क्षत-विछत जमीन मे दबाए गए शव वाले स्थान से हांथ ज़मीन से निकला देख चरवाहे द्वारा शोर मचाया गया तो ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए जब  छानबीन करना शुरू किया तो सत्यम के गुमशुदगी की बात सामने आई तो पुलिस और भी सक्रिय हो कर परिजनों द्वारा बताए गए आधार के मुताबिक जाच पड़ताल करने में जुटी तो सब कुछ साफ तौर पर नजर आने लगा और मृतक सत्यम की बहन द्वारा दी गई टी शर्ट से परिजनों ने उसकी पहचान कर लिया।शव की पहचान होते ही परिजनों में एक कोहराम मच गया चारों तरफ चीख पुकार सुनाई देने लगी।थानाध्यक्ष ने  शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया ताकि मौत का कारण स्पष्ट हो सके। और पोस्टमार्टम हो जाने के बाद शव को परिजनो को सौंप दिया है। हालांकि पुलिस की जिम्मेदारी अभी समाप्त नहीं हुई अभी यह देखना बाकी है कि कब तक पुलिस के रूप में कानून का हांथ कातिल के गिरेबान तक पहुंच पाता हैं। यह तो आने वाले  समय पर ही सब कुछ निर्भर है। इस घटना को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि अब तो भी हो लेकिन एक बात तो सत्य है कि पोते के रूप में सत्यम दादी के बुढ़ापे का सहारा था उसके बाद भी पत्थर दिल कातिल ने उसे मौत की नींद सुला दिया जिसको याद कर के परिजन समेत दादी का रो रो कर बुरा हाल है।