फर्जी तरीके से चल रहे दिशा हॉस्पिटल को दूसरी बार किया गया सील

Belal Jani
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संचालक ने सील तोड़ने के बाद अस्पताल का संचालन कर दिया था शुरू जिस पर कई सवाल उठ रहे हैं।

जौनपुर। शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के रसूलाबाद मोहल्ले में संचालित दिशा हॉस्पिटल को एक बार फिर सील किया गया है जिसकी काफी लोगों में चर्चा हो रही है।
पहले से ही यह हॉस्पिटल बिना मानक और आवश्यक अनुमतियों के बगैर फर्जी तरीके से संचालित किया जा रहा था।  इसके चलते 17 अक्टूबर को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. लक्ष्मी सिंह ने अपनी टीम के साथ छापेमारी कर इस हॉस्पिटल को सील करवा दिया था। और संचालक के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में मुकदमा भी दर्ज करवाया गया था। इतना सब होने के बाद भी सील किए गए अस्पताल को पुनः सील तोड़कर अस्पताल का संचालन करना आखिर यह सब किसके शह पर हो रहा था। यह तो जांच का विषय है।

लेकिन चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि हॉस्पिटल संचालक ने सरकारी कार्रवाई को किसके इशारे पर ठेंगा दिखाते हुए सरकारी सील तोड़ दी और कुछ ही दिनों बाद फिर से अस्पताल का संचालन शुरू कर दिया।

मोहल्ले के लोगों ने जब देखा कि दिशा हॉस्पिटल में फिर से मरीजों का इलाज और भर्ती का कार्य शुरू हो गया है, तो उन्होंने इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी। जानकारी मिलते ही सीएमओ लक्ष्मी सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक विशेष टीम गठित की और पुनः दिशा हॉस्पिटल पर छापेमारी कर दूसरी बार सील कर दिया।

बता दे सरकारी सील तोड़ना एक गंभीर अपराध है। इसकी जांच कराकर  संचालक एवं इस कार्य में जिसकी भी संलिप्तता पाई जाए उसके विरुद्ध  एफआईआर दर्ज कराकर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए। तभी इस तरह की मनबढी करने वालों पर किसी भी हद तक अंकुश लगने की उम्मीद की जा सकती है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि दिशा हॉस्पिटल कई महीनों से इसी तरह फर्जी नाम और बगैर डॉक्टरों का नाम उजागर किए ही चल रहा था। पूर्व में भी इस हॉस्पिटल की कई बार शिकायतें की जा चुकी थीं, मगर संचालक हर बार किसी न किसी तरीके से बच निकलता रहा।

अब सवाल यह उठता है कि जब 17 अक्टूबर को हॉस्पिटल सील किया गया था और संबंधित के विरुद्ध मुकदमा भी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दर्ज करवाया गया था जिसकी विवेचना हल्का चौकी प्रभारी कंचन पांडेय कर रही है। इसके बावजूद कुछ ही दिनों में संचालक ने सरकारी ताला कैसे तोड़ा? इस मामले में क्षेत्रीय लोगों का मानना है कि  हल्का पुलिस चौकी प्रभारी और स्वास्थ्य विभाग के कुछ लोगों की मिली भगत से ही यह संभव हुआ होगा।

इस पूरे मामले ने स्वास्थ्य विभाग और हल्का चौकी प्रभारी की  कार्यप्रणाली पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है। लोग अब यह जानना चाहते हैं कि क्या इस बार दिशा हॉस्पिटल के संचालक पर वास्तव में कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी या मामला फिर से ठंडे बस्ते में चला जाएगा।

फिलहाल एडिशनल सीएमओ अरुण यादव ने आश्वासन दिया है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वहीं रसूलाबाद क्षेत्र के लोगों ने भी मांग की है कि इस तरह के फर्जी हॉस्पिटलों पर स्थायी रूप से कार्रवाई की जाए ताकि आम जनता की जान से खिलवाड़ न किया जा सके।